कार्यक्रम के आदेश हेतु नहीं थी प्रशासनिक अनुमति
बीते 27 नवंबर को खरसिया विधानसभा के बरगढ़ खोला क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खम्हार में आर.एस.एस के कार्यक्रम और पथचलन का विरोध किया गया। कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम के लिए आर.एस.एस. तथा भाजपा से जुड़े लोगों के पास कोई प्रशासनिक आदेश नहीं था।
27 नवंबर, दिन रविवार को ग्राम खम्हार में आर.एस.एस. का उद्बोधन तथा पथचलन कार्यक्रम किया जाना था। उस कार्यक्रम में आर.एस.एस. के विभाग प्रचारक डाॅ राजकुमार भारद्वाज का उद्बोधन भी होना था। कार्यक्रम के शुरूआत में ही ग्राम खम्हार तथा आसपास के ग्रामीणों द्वारा वहाँ पहुँचकर नारेबाजी की गई और आर.एस.एस के पथचलन का विरोध किया गया। विरोध करने वालों में मुख्य रूप से संजय राठिया, निवासी ग्राम खड़गाँव तथा सरपंच सूरज राठिया, ग्राम खम्हार थे। संजय राठिया के द्वारा आर.एस.एस. के प्रवक्ता भारद्वाज के साथ विरोध के कारण को लेकर काफी देर तक बहस होती रही। जिसके बाद देर शाम दोनों पक्षों में समझौता हुआ और आर.एस.एस. को हायरसेकेण्डरी स्कूल परिसर खम्हार के भीतर ही पथचलन और मुख्य प्रवक्ता का संक्षिप्त उद्बोधन करके अपना कार्यक्रम समाप्त करना पड़ा।
हिंदुत्ववादी राजनीति बनाम आदिवासी अस्मिता का बन रहा एंगल
बरगढ़ क्षेत्र एक आदिवासी बहुल अंचल है जिसमें कंवर जनजाति प्रमुख रूप से बहुसंख्यक हैं। वहीं आर.एस.एस. एक कट््टर हिंदुवादी संस्था के रूप में जानी जाती है, जिसका भाजपा से भी संबंध है। इसलिए इस क्षेत्र में हिंदुवादी राजनीति के शुरू होने पर अपनी पहचान और परंपरा के समाप्त होने का डर यहाँ के जनजाती समूहों को है।
खदान के लिए भी राजनैतिक प्रयास का हो सकता है खेल
आर.एस.एस. एक भाजपा समर्थक संगठन है। इसलिए इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य तथा केन्द्र सरकार को अभी बरगढ़ खोला क्षेत्र के जिस खदान की जरूरत है, उसके लिए आर.एस.एस. के द्वारा भी प्रयास किए जा सकते हैं।
जोबी बर्रा खरसिया से किशोर कुमार चौहान कि रिपोर्ट
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