ग्राम तमनार के खसरा नंबर 1022 एवं 1023 निजी तालाब को शासन द्वारा धारा 251 के तहत जन निस्तार हेतु शासन में निहित किया गया है तालाब पर लगान लगा हुआ है, जिस पर मुआवजा तालाब मलिक को विधि अनुसार प्रदान किया जाना चाहिए परंतु किसी भी प्रकार से मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है उक्त तालाब को शासकीय भूमि दिखाकर कंपनी के औद्योगिक प्रयोजन हेतु प्रकरण क्रमांक 01/अ- 19(3)2016-17 पर उद्योग विभाग को हस्तांतरण किए जाने के संबंध में तहसील दार तमनार द्वारा दिनांक 25.6.2025 को दावा आपत्ति आमंत्रित किया गया है। इसी प्रकरण में तमनार से सलिहारी एवं कसडोल पहुंच मार्ग खसरा नंबर 956 रकबा 0.852 हे.मद सड़क, खसरा नंबर1005 रकबा 0.130 हे. मद सड़क खसरा नम्बर1012 रकबा 2.436 हे. मद सड़क जो कृषकों के लिए भी अत्याशक एवं व्यस्ततम मार्ग है जिसके माध्यम से कृषक अपने कृषि भूमि पर हमेशा आना-जाना कर रहे हैं इसे भी सामान्य शासकीय भूमि बताकर औद्योगिक प्रयोजन हेतु सुनवाई दावा आपत्तिआमंत्रित किया गया है।
ज्ञात हो कि खसरा नंबर 1022 तालाब निजी भूमि पर खनन किए जाने और खसरा नम्बर 1023 तटबंध शासन द्वारा धारा 251 के तहत जन निस्तार हेतु अधिग्रहण की जाने के कारण मुआवजा प्राप्त करने का अधिकार है। जिसका प्रकरण माननीय हाईकोर्ट में WPC 6080/ 2024 याचिका कर्ता आत्माराम साव विरुद्ध छ. ग. शासन व अन्य के विरूद्ध विचाराधीन है। तालाब का विनिमय भी विधान द्वारा अनुमन्य नहीं है कि तालाब के बदले अन्य भूमि पर तालाब बना दिया जाये। भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 में सार्वजनिक सड़क को जो उपयोग में है उसे बंद करने का निर्णय नहीं लिया जा सकता। क्या? तमनार में स्थापित कम्पनी के लाभ के लिए भारत का लिखित संविधान/ अधिनियम बदल जायेगा।
वर्तमान 2025 में सुशासन तिहार पूरे छत्तीसगढ़ में संपन्न हुआ है जिसमें तालाब, सड़क और नहर को जिन्दल कंपनी द्वारा बाउंड्री वॉल कर प्रभावित किए जाने एवं मार्ग अवरुद्ध किए जाने का शिकायत राजस्व विभाग में किया गया परंतु सुशासन तिहार में भी इसका निराकरण नहीं किया गया। बल्कि पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को भ्रामक और प्रकरण संख्या के सम्बन्ध में गलत जानकारी दिया गया।यहाँ किसान अपने अधिकार की बात करें तो कम्पनी कर्मचारी के झूठे रिपोर्ट कर थाना द्वारा उस रिपोर्ट के आधार पर माननीय न्यायालय में इस्तगासा पेश कर मानसिक प्रताड़ना दिया जाता है।
जिंदल पावर लिमिटेड के विस्तार हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रकरण क्रमांक 01/अ-82 /2012 -13 में अधिग्रहण कर 18/06 /2015 को अवार्ड पारित किया गया है इसी तरह से प्रकरण क्रमांक 12 /अ-82 /2012 -13 ग्राम कसडोल के भूमि को भी शासन द्वारा अधिग्रहण कर अवार्ड पारित किया गया है।
शासन द्वारा किसानों की कृषि भूमि को अधिग्रहण किया यहां के लोग यह सोचते रहे कि कंपनी के विस्तार होने से स्थानीय युवाओं को योग्यता अनुसार कंपनी में स्थाई रोजगार प्राप्त होगा ,परंतु जिंदल पावर लिमिटेड कंपनी में भू प्रभावित किसानों को भी रोजगार पाना टेढ़ी खीर है।
तमनार तथा ग्राम कसडोल के जिंदल पावर लिमिटेड हेतु विस्तार के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा की गई अधिग्रहित भूमिका मुआवजा भू अर्जन अधिकारी घरघोड़ा द्वारा अधि निर्णय/ अवार्ड पारित होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका क्रमांक डबल्यू पी सी 2407/19 के सुनवाई के दौरान 7 साल विलंब से अवार्ड राशि प्रदान किया गया है, माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर द्वारा विधान अनुसार विलंब पर ब्याज देने का आदेश माननीय जिला कलेक्टर महोदय रायगढ़ को दिया गया परंतु जिला कलेक्टर रायगढ़ द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश के विपरीत उक्त आदेश को खारिज करते हुए अलग से आदेश जारी कर दिया गया जिसमें यह लेख है कि किसान उक्त अधिग्रहित जमीन पर कृषि कार्य करते हुए धान कमाता है एवं धान बेचता है,विलम्ब से मुआवजा भुगतान होने से किसान को कोई प्रभाव नहीं पड़ा,(जबकि याचिका कर्ता का इकलौता युवा पुत्र का मुआवजा समय पर भुगतान नहीं करने के कारण पैसे के आभाव में उचित ईलाज नहीं हो पाने के कारण मृत्यु हो गया) कलेक्टर महोदय के इस निर्णय पर याचिका कर्ता आत्माराम साव द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में पुन: याचिका क्रमांक 2306/24 किया गया है।
बाईट
आत्माराम साव
कृषक तमनार
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