जनपद में गौ आधारित मल्टीलेयर फार्मिंग को दें बढ़ावा : अध्यक्ष उ0प्र0 गोसेवा आयोग अध्यक्ष ने गौशाला पहुंचकर किया गौपूजन, व्यवस्थाओं का लिया जायजा अधिकारियों के साथ बैठक कर गौशाला प्रबंधन हेतु की समीक्षा
ललितपुर। आज सोमवार को श्याम बिहारी गुप्ता, मा0 अध्यक्ष, उ0प्र0 गोसेवा आयोग, लखनऊ ने अपने भ्रमण कार्यक्रम के तहत दयोदय गौशाला का निरीक्षण किया व अधिकारियों के साथ कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक कर गौशालाओं की व्यवस्थाओं व गौवंश प्रबंधन की समीक्षा की।
अध्यक्ष ने दयोदय गौशाला पहुंचकर सर्वप्रथम विधिविधान के साथ गौपूजन किया व गोतामा को गुण खिलाया। मौके पर उपस्थित गौशाला प्रभारी से जानकारी ली, जिसमें बताया गया कि गौशाला में 890 गौवंश संरक्षित हैं, गौशाला में पर्याप्त मात्रा में भूसा, चोकर, पानी आदि उपलब्ध है, समय-समय पर पशुओं का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है। अध्यक्ष ने गौशाला का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया, व्यवस्थाएं संतोषजनक पायी गईं।
इसके उपरान्त अध्यक्ष ने कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया। यहां पर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने उनका बुके भेंट कर स्वागत किया। तत्पश्चात अध्यक्ष ने सभी उपस्थित अधिकारियों का परिचय प्राप्त किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी कमलाकांत पाण्डेय ने बताया कि जनपद में 29 गौशालायें संचालित हैं, जिनमें कुल 32991 गौवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत जनपद में कुल 10007 गौवंश सुपुर्द किये गए हैं।
अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में प्रत्येक गौशाला में पर्याप्त मात्रा में हरे चारे का प्रबंध किया जाए, इसके लिए नैपियर घास उगायी जाये, जनपद में मूंग की खेती पर्याप्त मात्रा में होती है, इसका भूसा भी प्रयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गौशाला में गौमूल एकत्र करने हेतु पक्का कैटिल शेड, वायोगैस प्लाण्ट, प्राकृतिक खेती केन्द्र की स्थापना करायी जाये, साथ ही कम से कम 100 किसानों को जीवामृत बनाने व मल्टीलेयर फार्मिंग हेतु अन्य किसानों का प्रशिक्षण दिलाने के लिए ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि 900 से बढ़ाकर 1500 कर दी है, इसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अधिक से अधिक गौवंश दिये जायें। यदि आने वाली पीढ़ियों के लिए खेतीयोग्य भूमि बचानी है तो प्रत्येक घर में एक गाय होनी चाहिए।
अध्यक्ष ने कहा कि किसान यदि खेत पर ही रहकर खेती करेंगे तो उनके खेत की उत्पादकता और फसल की गुणवत्ता में वृद्धि होती है, इसलिए आवास योजनाओं में खेत पर रहने वाले किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि हमें रसायनों के प्रयोग को कम करके खेतों में गौ आधारित मल्टी लेयर फार्मिंग को बढ़ावा देना होगा, इसके लिए प्रत्येक गौशाला में पक्का कैटिल शेड बनाकर गौमूत्र एकत्र करना होगा और जीवामृत बनाकर खेतों में छिड़काव करना होगा। साथ ही कैटिल वेस्ट को वायोगैस प्लाण्ट में प्रयोग करें।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह, पर्यटन चित्र व पर्यटन कैलेण्डर भेंट किया।
बैठक में राज्यमंत्री प्रतिनिधि चन्द्रशेखर पंथ, पीडीडीआरडीए दीपक यादव, उप निदेषक कृषि वसन्त कुमार दुबे, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 देवेन्द्र पाल सिंह, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, समस्त पशु चिकित्साधिकारी व कृषक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।चरन सिंह सहायक राज्य प्रभारी उत्तर प्रदेश एवं मनीषा विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश
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