कांकेर । आपातकाल देश पर जबरन थोपा गया एक ऐसा काला धब्बा है जिसने एक परिवार की सत्ता बचाने के लिये लोकतंत्र की अस्मिता का चीरहरण किया था । पूर्व प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी ने संविधान की हत्या कर देश मे लोकतंत्र को तार-तार करने का काम किया । उक्त बातें आज भाजपा कार्यलय कमल सदन कांकेर में आपातकाल विषय पर आयोजित संगोष्ठी पर बोलते हुए लोकसभा सांसद भोजराज ने कही ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार से 25 जून 1975 को संविधान की हत्या की उसको जन-जन तक बताएंगे । कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी ने बिना मन्त्रिमण्डल की सहमति के तत्कालीन राष्ट्रपति से जबरन हस्ताक्षर करवा कर आपातकाल का दंश झेलने को मजबूर किया ।
केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आपातकाल में लोगो के अधिकार को इस प्रकार से कुचला गया कि उनके बोलने तक का अधिकार छीन लिया गया । आम जनता के साथ-साथ मीडिया की स्वतंत्रता का भी हनन किया गया ।
आपातकाल ने देश को नए नेतृत्व से परिचय कराया । विपक्षी नेता जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी बाजपेयी, मोरार जी देसाई, लाल कृष्ण आडवाणी, जार्ज फर्नांडीज, मधु लिमये सहित कई अन्य नेताओं और सरकार के खिलाफ बोलने वालों को बिना सुनवाई जेल में डाल दिया गया ।
अखबारों पर सेंसरशिप लगाया गया । 3108 अखबारों को बंद कर दिया गया, 327 पत्रकारों को जेल में डाला गया । लोगो की संपत्ति अटैच कर ली गई । सरकार का आतंक इतना बढ़ गया कि लोगो को पकड़ पकड़ कर नसबंदी किया गया । यहां तक कि अविवाहित युवाओं को भी नही छोड़ा गया ।
उन्होंने कहा कि स्व इंदिरा गांधी के स्व पुत्र संजय गांधी बिना किसी पद में रहते पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे थे। नागरिक अधिकारों को छिनने वाली कांग्रेस पार्टी आज संविधान बचाने का ढोंग कर रही है । आज देश मे भाजपा के नेतृत्व वाली संवैधानिक सरकार है । लोगो को बोलने की स्वतंत्रता है ।
भाजपा जिलाध्यक्ष महेश जैन ने आपातकाल काला दिवस पर बोलते हुए कहा कि जिस देश का प्रजातंत्र संविधान से चलता है उस संविधान को आपातकाल लगाकर छिन्न-भिन्न कर दिया गया । अपनी सत्ता बचाने के लिये पूर्व प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी ने आधी रात देश मे आपातकाल लगाकर संविधान की हत्या कर दी । सरकार का विरोध करने वाले लोगों को , नेताओ को बिना किसी आरोप के सालों जेल में डाल दिया गया । 1975 में लगाये गए इस आपातकाल की ज़्यादतियों को गावँ-गावँ में लोगो के बीच बताने की आवश्यकता है । भारतीय जनता पार्टी आपातकाल के काले अध्याय को बताने बूथ स्तर तक कार्यक्रम करेगी ।
कांकेर विधायक आशाराम नेताम ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि उन्होंने कहा, "जो लोग आज संविधान की कॉपियां लेकर जेब में घूमते हैं और दावा करते हैं कि संविधान को दबाया जा रहा है। मैं उनसे कहना चाहता हूं पूरा देश गवाह है कैसे उनको पूर्वजों ने संविधान को दबाया और कुचला। पूरा देश इसका गवाह है।"
उन्होंने कहा कि, "यह हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था, जब लोकतंत्र को कुचला गया। ऐसे समय में जब देश गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहा था, एक निकम्मी सरकार अपनी सत्ता बचाने में व्यस्त थी। सच्चा लोकतंत्र तब होता जब इंदिरा गांधी इस्तीफा देतीं, लोगों को सत्ता वापस सौंपती और माफी मांगती।"
वरिष्ठ आदिवासी नेता विजय कुमार मंडावी ने आपातकाल पर बोलते हुए कहा कि स्व इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के कारण लोगो के मौलिक अधिकार छीन लिए गए । आपातकाल का विरोध करने वाले विरोधी नेताओ को सालों जेल में ठूस दिया गया । ये प्रजातंत्र की हत्या करने वाली ऐसी सरकार थी जिसने देश के लोकतंत्र पर काला धब्बा लगाया ।
संगोष्ठी का संचालन जिला महामंत्री दिलीप जायसवाल ने किया । संगोष्ठी पश्चात उपस्थित सभी लोगो ने पुराने बस स्टैंड में आपातकाल प्रदर्शनी का अवलोकन कर इस काले दिवस को याद किया ।
इस अवसर पर पूर्व विधायक सुमित्रा मारकोले, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण नरेटी, उपाध्यक्ष तारा ठाकुर, नगर पालिका अध्यक्ष अरुण कौशिक, राजीव लोचन सिंह, हीरा मरकाम, निपेन्द्र पटेल, टेकेश्वर जैन, दिनेश रजक, डिकेश साहू, टेकेश्वर सिन्हा, कमलेश उसेंडी , राजेन्द्र गौर, उत्तम जैन, पंचू राम, शकुंतला जैन, चित्ररेखा जैन, उगेश्वरी उइके, अंजू नेगी, रूपेश्वर ठाकुर, दीपक खटवानी, रमशीला साहू, मीना ऊके, अनिता सोनी, तारिणी ठाकुर, उत्तम यादव, हितेंद्र खटवानी, तनुज ठाकुर, अनूप शर्मा, अशोक कचलाम, नारायण पोटाई , मुकेश संचेती, प्रवेश चौहान, भानु नेताम, घनेन्द्र ठाकुर, दीपांशु जैन, जयप्रकाश तिवारी, शैलेंद्र सोरी, जयंत अठभेया, सलीम मेमन, पूर्णिमा कावड़े, जितेश्वरी सिन्हा, टिकेश्वरी सिन्हा, योगेश साहू, ईश्वर कावड़े सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
निपेन्द्र पटेल
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