अंतराष्ट्रीय सनातन साहित्य महोत्सव मे दीपक राणा हुये सम्मानित भारत -ब्रिटेन गंगा-टेम्स अंतर्राष्ट्रीय 'गाथा'महोत्सव 2024 का प्रथम् भव्य शुभारंभ 17 नवंबर 2024 को योग नगरी ऋषिकेश में किया गया
ऋषिकेश: भारत -ब्रिटेन गंगा-टेम्स अंतर्राष्ट्रीय 'गाथा'महोत्सव् 2024 का प्रथम संस्करण पार्श्व अंतर्राष्ट्रीय विवि सेवार्थ न्यास द्वारा 17 नवंबर 2024 को देवभूमी उतराखंड में भव्य रूप से आयोजित किया गया।यह अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव दो देशों की कला, लोक परम्परा, साहित्य व संस्कृति को समर्पित उत्सव है। 'भारत सेवा रत्न' से सम्मानित अधिकारी व कवि डॉ. सुरेश सिंह शौर्य 'प्रियदर्शी' इसके संस्थापक हैं। 'श्रीराम' पुस्तक के प्रधान संपादक भी डॉ. सुरेश हैं। गंगा और टेम्स
नदी की सुरम्य धाराओं और उस पर स्थित वैश्विक संस्कृति की तीर्थस्थलों, धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों की परंपरा और विरासत को समृद्ध करने के उद्देश्य से इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है। साथ ही इस दौरान विश्व सनातन विश्वविद्यालय भी स्थापना संकल्प भी लिया गया। इस महान विश्वविद्यालय के सूत्राधार डॉ प्रियदर्शी हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में इसके संस्थापक डॉ. सुरेश सिंह शौर्य 'प्रियदर्शी' थे। इसकी अध्यक्षता डॉ. राम रतन श्रीवास ने किया जो आभासी पटल के माध्यम से से जुड़े थे। इसमें अति विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ सुनील दत्त थपलियाल,श्री शांति प्रकाश जिज्ञासु, सत्यानंद बडोनी, शकुंतला टेलर मौजूद थे. विशेष बाल् अतिथि के रूप में पधारे। साथ ही देश के अन्य प्रांतो के गणमान्य, कलाकार इत्यादि की उपस्थिति के साथ-साथ अन्य प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों की भी उपस्थिति रही।
देश के विभिन्न राज्यों के कवि, कलाकार, गणमान्य जैसे मनोज फागवाड़ी,पंजाब प्रेमचंद, देवकुमार, मुनीश चौधरी, राष्ट्रीय कवि श्रीमती राजकुमारी, सुनीता, मोहन प्रकाश इत्यादि उपस्थित थे जिन्हें साहित्य में योगदान के लिए भारत- ब्रिटेन साहित्य सम्मान से सम्मानित भी देवभुमि उत्तराखंड में कार्यक्रम के दौरान मुख्य् अतिथि के हाथों किया है।
आभासी पटल पर मुख्य अतिथि डॉ राम रतन श्रीवास "राधे राधे"कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ सुरेश सिंह शौर्य "प्रियदर्शी", संचालन: ललित सिंह ठाकुर। इसमें जुड़े साहित्यकार थे -कुमार विवेक ‘मानस’, जसपुर- उत्तराखण्ड,.डॉ. राजेन्द्र सिंह 'विचित्र ' रामपुर, उत्तर प्रदेश,.मरियम रामला ढाका बांग्लादेश
,इलियास हसन प्रतापगढ़ी प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश.
,.इशरत सुल्ताना लखनवी लखनऊ उत्तरप्रदेश , डॉ अबुल कासिम अब्बासी "समर अमेठवी" ,.डॉ.नामदेव ज्ञानदेव शितोळे
पुणे महाराष्ट्र ,.कुलदीप त्रिपाठी,बांदा, उत्तर प्रदेश,.रामकुमारी मेरठ ,.पं देवेश कुमार शुक्ला
,.विनोद बाला जालोर,.वचन मेघ जालोर,राजस्थान
,सुनील कुमार "खुराना"नकुड़ सहारनपुर उत्तर प्रदेश भारत ,विजय डांगे,नाराज,श्रीमती उमेश नाग
इत्यादि शामिल रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राम रतन श्रीवास ने की। डॉ. सुरेश, दिनेश्वर वर्मा और ट्रस्ट के 7 सालों के आंदोलन के कारण झारखंड के गिरिडीह में एक विश्वविधालय की स्थापना सम्भव हो पायी है। कवि सम्मेलन,शास्त्रीय नृत्य-भजन, पुस्तक विमोचन आदि इस महोत्सव के मुख्य आकर्षण रहे। ट्रस्ट 22 जनवरी 2024 के श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही कोडरमा जिले के फुलवारिया में एक गुरुकुल पद्धति पर आधारित 'श्रीराम विद्याकुलम' के नाम से एक आधुनिक शिक्षा केंद्र की स्थापना कर चुकी है। बता दें की डॉ सुरेश द्वारा गिरिडीह में करिहारी व नगलो में दो गुरुकुल की स्थापना 2023 में की गयी है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में कम्प्यूटर सहित संस्कार की शिक्षा दी जा रही है।डॉ ने बताया की देश के विभिन्न कवियों की कविताओं से सुसज्जित 'सुसभ्यता के राम' पुस्तक का भी विमोचन किया जायेगा कुछ महीनों में।
विदेशों से डॉ. सुरीति रघुनन्दन मौरिशस, डॉ रवि घायल , कनाडा से, प्रांजल जी लन्दन से इत्यादि देश-दुनिया के हर प्रांत से एक से बढ़कर एक साहित्यकारों और प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थिति रही। ट्रस्ट के तत्वाधान में पहले भी दर्जनों साहित्यिक महोत्सवों का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें नई दिल्ली/बुद्ध, नालंदा,काशी-विश्वनाथ, महाकाल महामहोत्सव इत्यादि अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव रांची जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल पार्श्वनाथ,मधुबन महोत्सव, गिरिडीह आदि शामिल हैं। कुवैत, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस, दुबई, ब्रिटेन अमेरिका आदि से साहित्यकार प्रतिभाग लेते रहे हैं। विश्व सनातन परिषद भी इसमें एक सहयोगी संस्था के रूप में कार्य कर रही है। इस महोत्सव की देश भर में गूंज है। सांसद, पूर्वमंत्री, बुद्धिजीवी इत्यादि ने इसकी भूरी भूरी प्रशंसा की है।
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