संवाददाता -दीपक राणा
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{ नई दिल्ली } जीवन और साहित्य का एक महोत्सव लेखन, पाठन और बातचीत, संचार, व्याख्या करने की महानता एवं ताकत को व्यक्त करता है और यह बताता है कि ये चीजें हमारी कैसे सहायता कर सकती है। यह महोत्सव कला, संस्कृति, साहित्य, संगीत, कविता, खाद्य अभिव्यक्तियों आदि का एक भव्य उत्सव है। साहित्य और संयुक्त भारत के जीवन की सुंदरता को संजोने और भारतीय अंतर्राष्ट्रीय कवियों, लेखकों, नाटककारों के ऐतिहासिक लेखन का आनंद के लिए देश भर से लोग 21 एवं 22 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली भारत में मुख्य अभ्यागत के रूप में भारत के रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ होंगे तथा 27 एवं 28 दिसंबर 2024 को काठमांडू नेपाल में पी. आई. यू. ट्रस्ट गिरीडीह के तत्वावधान में दोनों स्थान पर 2 दिवसीय भव्य महोत्सव मनाने के लिए इस महोत्सव में शामिल होंगे।
इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ सुरेश सिंह "शौर्य प्रियदर्शी" ने बताया कि इसमें रोमांचक साहित्यिक कार्यक्रम, संगीत, नृत्य, कला, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, प्रतियोगिताएं, पुस्तक विमोचन, व्यक्तिगत साक्षात्कार, पैनल चर्चाएँ शामिल हैं। स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए भी कार्यक्रम तैयार किए गए हैं । इस महोत्सव में वैश्विक संस्कृति और साहित्य का विशेष आकर्षण होगा। यह महोत्सव प्रतिस्पर्धा, विद्वता और ज्ञान की भावना से युक्त होगा जो विकास, पेनल चर्चा और आत्म-सुधार के लिए जगह देने की परंपरा को आगे बढ़ाएगा। सम्मानित अतिथियों द्वारा मुख्य भाषण, विशेषज्ञों द्वारा इंटरैक्टिव कार्यशालाएँ, कविता स्लैम, पुस्तक वाचन, लघु फिल्म स्क्रीनिंग और बहुत कुछ होगा। हम आप सभी को साहित्य महोत्सव की भूमिका को जानने एवं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हार्दिक आमंत्रित करते हैं।
हमारे संवाददाता को इस महोत्सव के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. राम रतन श्रीवास "राधे राधे" ने बताया कि यह विश्व स्तर पर एक उभरता हुआ प्रमुख साहित्य उत्सव है। यह वैश्विक समाज को सचमुच जागरूक बनाने और लोगों को वास्तव में वैश्विक नागरिक बनाने की दिशा में उन्मुख है। यह संस्करण दुनिया भर के कवियों, कलाकारों, लेखकों, विद्यार्थियों के लिए अपने द्वार खोलेगा तथा उन्हें साहित्यिक चर्चाओं, कार्यशालाओं से भरपूर एक ऑफलाइन/ऑनलाइन मिलन स्थल उपलब्ध कराएगा साथ ही कहानी-कथन, वाद-विवाद और कविता के क्षेत्र में असंख्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित करेगा। इस वर्ष महोत्सव का विषय है-"विभाजन का साहित्य और अशांति के बीच प्रेम",
भारतीय साहित्य और जीवन"।
महोत्सव की कार्यकारी संस्था- संस्थापक डॉ. सुरेश, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, जिन्हें डॉ. सुरेश सिंह शौर्य 'प्रियदर्शी' के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध लेखक और महोत्सव के संस्थापक हैं। वे अपने अथक प्रयास व आर्थिक दान से दो आधुनिक गुरुकुल की स्थापना कर संचालित कर रहे हैं। सड़क से लेकर विधानसभा तक उनके बौद्धिक आंदोलन के कारण झारखंड में एक विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। इस कार्य हेतु उन्हें आधुनिक छोटा मालवीय कहा जाता है । उन्होंने कई जोखिम भरे मिशनों का नेतृत्व किया है। वे एक हिमालयी ट्रेकर, पर्वतारोही के साथ ही पूर्वोत्तर राज्य से सैकड़ो मानव दासों को जान जोखिम में डालकर मुक्त कराया इसलिए उन्हें "सिंघम" भी कहा जाता है । उन्होंने IIM रांची, BITMesra, IITTM पूसा आदि से भी अध्ययन किए हैं। पहले ही प्रयास में उन्होंने लेक्चररशिप के लिए UGC NET पास कर लिया। उन्होंने कई प्रकाशित पुस्तकें लिखी हैं। उन्होंने अतीत में विभिन्न पत्रिकाओं और समाचार पत्रों के लिए संपादकीय, निबंध, कविताएँ, कहानियाँ आदि लिखी हैं। वे कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के संस्थापक भी हैं, जो शिक्षा, साहित्य, एकता, कला और संस्कृति आदि पर काम करते हैं। उन्हें मानद डॉक्टरेट, प्रथम भारत सेवा रत्न, इंडिया प्राइड अवार्ड, अशोक अकादमी पुरस्कार, राष्ट्रीय साहित्य सम्मान आदि सहित कई पुरस्कारों और प्रशंसाओं से सम्मानित किया गया है। वे पीएचडी रिसर्च स्कॉलर भी हैं।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष-
डॉ. राम रतन श्रीवास "राधे राधे" भारत भर में शिक्षा, साहित्य, जल एवं पर्यावरण संरक्षण संवर्धन में अहम भूमिका निभाते हुए योगदान दे रहे हैं। लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड , ग्रेटेस्ट बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, जिनियस बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में साहित्य के प्रति विशेष योगदान हेतु उनका नाम दर्ज है। साहित्य में उनके अद्वितीय योगदान एवं उल्लेखनीय कार्य के लिए मानद डॉक्टरेट उपाधि से विभूषित मैजिक एंड आर्ट यूनिवर्सिटी फरीदाबाद नई दिल्ली द्वारा किया गया है। वे विभिन्न साहित्यिक संस्था के प्रमुख दायित्वों को बखूबी निर्वहन कर रहे हैं जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष -- भारतोदय लेखक संघ नई दिल्ली, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव, श्रीराम अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव अयोध्या, महात्मा बुद्ध अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव बोधगया बिहार, सहित तीन दर्जन से अधिक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं साथ ही , राष्ट्रीय महामंत्री काव्य रसिक संस्थान (सरकार द्वारा पंजीकृत संस्था), राष्ट्रीय सचिव जीवन धारा नमामि गंगे (जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार से अनुमोदित संस्था) ,भारत नेपाल पशुपतिनाथ के ब्रांड एम्बेसडर इत्यादि शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीय निदेशक-
श्री लोकेश नारायण दीक्षित महोत्सव के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक हैं। वे वाशिंगटन स्थित 'विश्व चेतना नेतृत्व मंच' के महानिदेशक भी हैं। वे एक बुद्धिजीवी हैं और वैश्विक स्तर पर युवाओं को प्रेरित करते हैं।
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