चलो बुद्ध विहार की ओर योजना के अन्तर्गत रविवार दिनांक 5 जनवरी 2025को प्रातः काल में, अम्बेडकर बुद्ध विहार अग्रोहा कालोनी डी डी नगर रायपुर छत्तीसगढ़ में सर्वप्रथम, तथागत भगवान बुद्ध, बोधिसत्व डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर, माता सावित्री बाई फुले, गुरु घासीदास बाबा, के प्रतिमा छाया चित्र के समक्ष धूप दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्प अर्पित किया गया है। त्रिशरण पंचशील बुद्ध वन्दना कर आना पान सती ध्यान साधना की गई है। बुद्ध और उनका धम्म ग्रन्थ से एक पाठ का वाचन किया गया है। वक्ताओं ने, शौर्य दिवस समारोह एक जनवरी 1818 भीमा कोरेगाँव स्तंभ की युद्ध की घटना जो कि अंग्रेजो की सेना में शामिल 500 महार सैनिकों ने अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए, पूना के पेशवा की 28000 सैनिकों की सेना को कत्लेआम कर विजय प्राप्ति के बाद अंग्रेज सरकार ने महार जाति को समाज में बराबरी का अधिकार देते हुए शिक्षा प्राप्त करने एवं महार बटालियन की स्थापना की गई है, जो महार सैनिक थे उनके नाम आज भी शौर्य स्तम्भ पर अंकित किए गए हैं, जाति व्यवस्था से परेशान समाज प्रतिवर्ष 31दिसम्बर से लेकर 1जनवरी तक पूना भीमा कोरेगाँव स्तंभ को अपने पूर्वजों की बहादुरी को नमन करने लाखों की संख्या में पूरे भारत देश के लोग जमा हो कर शौर्य दिवस समारोह के रूप में मनाते हैं। तीन जनवरी को भारत देश की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले जी को याद कर उनकी जयंती मनाई जाती है, देश में जाति व्यवस्था ऐसी थी जिसमें शूद्र वर्ग एवं महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं था, ज्योतिबा फुले जी ने स्वयं शिक्षा प्राप्त कर अपनी पत्नी को भी पढ़ाया था और महिलाओं को पढ़ाने के लिए 18 स्कूलों की स्थापना कर सभी महिलाओं को पढ़ाने का कार्य प्रारम्भ किया है। मूलनिवासी बहुजन समाज प्रतिवर्ष इनकी याद में बाबा साहब की जयंती के समान ही यह सब पर्व समारोह के रूप में मनाया जाता हैं।
आज की उपस्तिथि में एडवोकेट ज्ञानेश्वर बावन गड़े, आयु जी आर कामडे, आयु दीपक बोरकर, आयुष्मति भारती टेंभेकर,, मीना कुमारी खांडेकर, विशाल काम डे, आयुष्मति मोतीमाला कोल्हेकर, सुधा निकोसे, सुनिता रामटेके, अनिता भीमटे, डॉक्टर आर के सुखदेवे, संध्या सोनवानी, रूसी का डांगे, भुवानी मार्कण्डेय, मानसी मार्कण्डेय, आयु टी आर वैद्य, रोशनी वैद्य, आयु नंदू नेटके जी , आयु सुरेन्द्र कुमार कोल्हेकर,, आयु व्ही के मेश्राम जी, आयु विष्णु बघेल जी, आयु ओ डी तिरपुड़े साहब, और भी अन्य सदस्यों की उपस्तिथि में, धम्म पालन गाथा कर कार्यक्रम को अन्तिम रूप दिया गया है।
उपरोक्त जानकारी प्रेष विज्ञप्ति जारी करने इंजी सी डी खोबरागड़े राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य संस्कार विभाग भारतीय बौद्ध महा सभा रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा दी गई है।
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